मनोकामना पूरी करने लिए ऐसे करें, शिव जी को प्रसन्न
महाशिवरात्रि को भगवान शिव और मां पार्वती का दिन माना जाता है। आज के दिन दोनों की विशेष पूजा की जाती है।
महाशिवरात्रि को भगवान शिव और मां पार्वती का दिन माना जाता है। आज के दिन दोनों की विशेष पूजा की जाती है। आपको बता दें कि इस बार की शिवरात्रि में एक ऐसा दूर्लब योग बन रहा है जो पूरे 117 सालों बाद आ रही है। मान्यता है कि आज के दिन भगवान शिव का पार्वती मां के साथ विवाह सम्पन हुआ था। बता दें कि शिव और आदि शक्ति के मिलन की रात को ही शिवरात्रि कहते हैं।
अपनी परेशानियों से निजात पाना है तो विजया एकादशी के दिन…
मान्यताओं को अनुसार इस रात सारी अध्यात्मिक शक्ति जागृत हो जाती है। इस साल महाशिवरात्रि 21 फरवरी के दिन आ रही है। मान्यताओं के हिसाब से आज के जो भी मनोकामना सच्चें दिल से मांगी जाती है वो पूरी हो जाती है। उसके लिए भक्तों को महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर रुद्राभिषेक कराना चाहिए। महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग को पवित्र जल से स्नान कराते हैं जिससे रुद्राभिषेक कहते है। यह काम पूरे विधि विधान से करना होता है।
तो आइए आपको बताते है किस तरह करें शिव जी को प्रसन्न और रुद्राषिभेक…
सामाग्री की व्यवस्था
शिवलिंग का रुद्राभिषेक करने से पहले आपको उसमें उपयोग होने वाले सारी सामाग्री के बारें में विस्तार से बता देते है। रुद्राभिषेक के लिए गाय का घी, दीपक, फुल, चंदन, गंध, धूप, कपूर, मौसमी फल, पान का पत्ता, सुपारी और नारियल की आवश्यकता है। अब आपको मनोकामना पूर्ति के लिए रुद्राभिषेक करना होगा, जिसके लिए आपको दूध, दही, शहद, गन्ने का रस की व्यवस्था करनी होती है।
अगला पड़ाव है पूजा
सामाग्री पूरी होने के बाद अगला पड़ाव पूजा है। अब माता पार्वती, भगवान शिव, गणेश जी, नौ ग्रह, माता लक्ष्मी, सूर्य देव, अग्नि देव, ब्रह्म देव, पृथ्वी माता की आराधना कीजिए। साथ ही अपने आसन को शिव-पार्वती, गणेश जी और नौ ग्रह के पास बनाए। भगवान की पूजा करने के बाद शिवलिंग की पूजा करें।
मंत्रों का उच्चारण
शिवलिंग की पूजा करने के साथ शिव के मंत्रों का उच्चारण करें। साथ ही शिवलिंग पर गंगा जल से अभिषेक करिए। अभिषेक के बाद भोलेनाथ को घर में बनें खाना, फल, फूल आदि चढ़ाए। यब सब करने के बाद भोलेनाथ की आरती करें। पूरे समय शिव के मंत्रों का जाप करें। इसके अलावा अभिषेक के समय ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।
रुद्राभिषेक गंगाजल
पूरे विधि-विधान से पूजा करने के बाद रुद्राभिषेक के गंगाजल को प्रसाद के रूप में स्वंय और अपने पूरे परिवार को पिलाए। इससे मनुष्य के जिवन में चल रही सारी परेशानियां दूर होगी। और सच्चे दिल से मांगी जाने वाली सारी मनोकामना पूरी होगी।