साल की सबसे दो महत्तवपूर्ण संक्रांतियां में पहली मकर संक्रांति तो दूसरी कर्क संक्रांति है। साल में कुल 12 संक्रांतियां होती है।
सूर्य हर महीने राशियों में परिवर्तन करता है। इसलिए पूरे साल में कुल मिलाकर बारह संक्रांति होती हैं। लेकिन इनमें से सबसे महत्तवपूर्ण संक्रांतियां दो ही होता है। इसमें पहली तो मकर संक्रांति जो की जनवरी में आती है। इसका महीना तय है। तो वहीं दूसरी यानी कर्क संक्रांति है। तो वहीं इस बार 2020 में कर्क संक्रांति 21 जून को मनायी जाएगी।
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तो बता दें कि जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो उस दिन को मकर संक्रांति कहा जाता है। मकर संक्रांति के शुभ दिन से अग्नि तत्व की शुरुआत होती है। तो वहीं कर्क संक्रांति से जल तत्त्व की शुरुआत होती है। इस समय सूर्य उत्तरायण में होता है। इस समय किया गया जाप, पूजा और दान का फल दोगुना मिलता है । इस बार मकर संक्रांति का त्यौहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा।
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तो वहीं मकर संक्रांति का सम्बन्ध ज्योतिष से भी है
ज्योतिषों के अनुसार –
- सूर्य और शनि का संबंध इस दिन से काफी खास होता है।
- मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने के लिए आते हैं।
- कहा जाता है कि शुक्र का उदय भी इसी समय होता है इसलिए यहां से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है।
- अगर आपकी कुंडली में सूर्य या शनि का प्रकोप है तो इस पर्व पर खास पूजा करके उसको ठीक किया जो सकता हैं।
तो वहीं आपके दिल में ये सवाल भी आया होगा कि इस मकर संक्रांति पर ऐसा क्या करे जिससे सूर्य और शनि की दया दृष्टि आप पर बनी रहे
- पहला सुबह जल्दी उठकर स्नान पश्चात सूर्य को जल दें।
- श्रीमद्भागवत गीता के कम-से-कम एक अध्याय का पाठ करें।
- गरीबों में खाना और घी के साथ कम्बल का भी दान करे।