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अमेठी में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कुमार विश्वास को आप की एक महिला कार्यकर्ता के साथ आपत्तिजनक स्थिति में विश्वास की पत्नी ने देखा था। तब खूब हंगामा हुआ और विश्वास की पत्नी ने केजरीवाल तक बात पहुंचा दी।

केजरीवाल ने भरोसा दिलाया कि अब से ऐसा कुछ नहीं होगा और पार्टी में सभी को सतर्क रहने कहा गया। विश्वास की पत्नी को कहा गया कि अब वो महिला कभी भी विश्वास के इर्द गिर्द नजर नही आएगी। विश्वास थोड़ा नाड़े का ढीला है, इसलिए सब लोगों ने बात को वहीं दबा देने का फैसला किया।

बाद में यही बात पार्टी के अंदर किसी ने ई-मेल करके भी उठाई (जो कि पिछले महीने जी-न्यूज के हाथ लग गई)। पर क्यूंकि केजरीवाल ने कुमार विश्वास की पत्नी को पहले ही भरोसा दिलवाया था, उस ई-मेल पे कोई कार्यवाही नहीं हुई। ये सारी बातें पिछले साल की हैं।

इस बीच जब दिल्ली में दोबारा विधानसभा चुनाव हुए, तो कुमार विश्वास की पत्नी ने उस महिला को फिर से एक बार विश्वास के साथ देखा। हालांकि इस बार दोनो पूरे कपड़ों में थे और जनता के बीच थे। लेकिन विश्वास की पत्नी को बहुत गुस्सा आया। रात को दोनो में लड़ाई भी हुई। तब विश्वास ने बोला कि वो लड़की ही पीछे पड़ी है और वो अब उससे कोई संबंध नहीं रख रहा।

विश्वास की पत्नी फिर भी काफी गुस्से में रही, और उसने उस लड़की को सबक सिखाने की बात सोची। इसी के अंतर्गत उसने आप के कुछ वालंटियर्स को उस लड़की की तस्वीरें दे कर उसे सोशल मीडिया में बदनाम करने को कहा। वालंटियर्स ने ऐसा किया, और फिर ये तस्वीरें भाजपा के कुछ लोगों के हाथ भी लग गई। तस्वीरें सोशल मीडिया पे फैल गई।

बात उस महिला कार्यकर्ता के पति तक पहुंच गई, और उसने इससे सारे रिश्ते तोड़ने की बात की। महिला कार्यकर्ता ने अपने पति को समझाया कि ये सब झूठ है, और वो कुमार विश्वास से सच्चाई बताने कहेगी। यही फरियाद लेकर वो महिला कार्यकर्ता विश्वास के पास गई।

विश्वास को नहीं मालूम था कि ये सारा करा-कराया उसकी पत्नी का है। उसने पहले तो मीडिया में सफाई की बात बोल दी, पर जल्द ही उसकी पत्नी ने उसे चेताया कि अगर वो उस लड़की के साथ मीडिया के सामने आएगा, तो वो उसे छोड़ के चली जाएगी।

विश्वास ने इसलिए लड़की का साथ नहीं देने का फैसला किया क्योंकि उसकी बीवी के छोड़ के जाने से उसकी बहुत बदनामी होती। इसके अलावा अगर पुलिस सोशल मीडिया पे फैलाई गई तस्वीरों की जांच करती तो नाम विश्वास की पत्नी का आ सकता था। इससे और भी बदनामी होती।

इसलिए विश्वास ने उस लड़की को सब भूल जाने की सलाह दी कि ऐसा तो राजनीति में होता रहता है। लेकिन उस महिला कार्यकर्ता की जिन्दगी बरबाद हो गई। उसका पति उससे अलग रहने लगा था और विश्वास भी साथ नहीं दे रहा था। आखिर में उसने ये बाप मीडिया और महिला आयोग के सामने रखने की ठानी।